खेल खेल में भागी 2 लड़कियां , क्या आप हैं जागरूक ? : खेल खेल में खतरनाक कदम भी उठा सकते हैं बच्चे .... आपने ऑनलाइन फ्रॉड , ऑनलाइन गेम के चक्कर में जानमाल के नुक्सान की खबरे तो पढ़ी ही होंगी लेकिन अब जो खबर हम आपको बता रहे हैं वो एकदम हैरान कर देने वाली है। दरअसल देहरादून की दो नाबालिग लड़कियां घर से अचानक भाग जाती हैं. परिजन परेशान और पुलिस सोच में पड़ जाती है की आखिर माजरा है क्या ... गनीमत है कि पुलिस उन्हें ढूंढ़कर परिजनों को सौंप देती है. लेकिन, इसके बाद जो सच्चाई सबके सामने आई है उसे सुनकर हर कोई हैरत में पड़ गए... आइये आपको बताते हैं पूरा मामला क्या था।
अगर आपका बच्चा भी ऑनलाइन मोबाइल गेम फ्री फायर का शौक़ीन है तो सावधान रहिये क्योंकि ये केस भी इसी से जुड़ा है, जिसके चलते इन दोनों लड़कियों की एक युवक से दोस्ती हुई थी. इसके बाद उसी से मिलने के लिए ये घर से भाग गई थीं. हांलाकि गनीमत रही कि जल्द ही दोनों 13 और 17 साल की उम्र की लड़कियों को पंजाब के राजपुरा में एक बस स्टैंड पर ढूंढ लिया गया।
पढ़िए आखिर क्या था पूरा मामला
पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि यहां विकासनगर में रहने वाले एक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसकी 13 साल भतीजी और पड़ोस में रहने वाली उसकी 17 साल की सहेली के साथ 2 फरवरी को बिना किसी को घर से गायब हैं. कहीं भी उनका कुछ भी पता नहीं चल सका है. इसपर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता के संबंधित प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू कर दी. लड़कियों को खोजने की कोशिश में पुलिस ने लापता नाबालिगों के परिवार के सदस्यों, आसपास रहने वाले लोगों और दोस्तों से पूछताछ की थी, साथ ही सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले. इतना ही नहीं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लापता लड़कियों की जानकारी साझा की।
फ्री फायर गेम से हुई दोस्ती
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए पुलिस को हरियाणा के अंबाला में लड़कियों की लोकेशन मिली. इसके बाद पुलिस की एक टीम अंबाला के लिए रवाना हो गई लेकिन इस बीच लड़कियों की लोकेशन बदल गई. पुलिस ने कहा कि आखिरकार लड़कियों को पंजाब के राजपुरा में एक बस स्टैंड पर ढूंढ लिया गया. पूछताछ के दौरान, लड़कियों ने कहा कि ऑनलाइन गेम ‘फ्री फायर’ खेलते समय उनकी एक लड़के से दोस्ती हुई थी. उसी से मिलने के लिए खुद ही भाग गई थीं. हालांकि, पुलिस ने बताया कि उन्होंने किसी भी आपराधिक गतिविधि में शामिल होने से इनकार किया, जिसके बाद उन्हें उनके परिवार के सदस्यों को सौंपकर आगे की कार्रवाई में जुट गए।