8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत : दिल की बीमारी खराब आहार, लाइफस्टाइल और स्ट्रेस के साथ-साथ कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से ट्रिगर होती है. कोरोना काल के बाद से हार्ट डिजीज के कारण मौत के मामले बढ़ गए हैं. किसी को नाचते-गाते या चलते-फिरते हार्ट अटैक आ जाता है, तो किसी को जिम करते समय, वहीं, अब तो कम उम्र में ही लोग दिल के मरीज बन रहे है. जी हां, हाल ही में गुजरात और कर्नाटक से दो दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आई हैं, जहां 8 साल की दो बच्चियों को अचानक दिल का दौरा पड़ा और वहीं उनकी मौत हो गई. ये दोनों घटनाएं इस वक्त करोड़ों लोगों के मन में डर और चिंता पैदा कर रखा है।
दरअसल,इसी महीने गुजरात के अहमदाबाद के थलतेज इलाके में आठ साल की एक बच्ची की उसके स्कूल में मौत हो गई. घटना सुबह के समय हुई, जब कक्षा 3 में पढ़ने वाली लड़की गार्गी ने स्कूल पहुंचने के बाद सीने में दर्द की शिकायत की. स्कूल के अधिकारियों ने कहा कि लड़की कुर्सी पर गिर गई और उसका इलाज करने के प्रयासों के बावजूद, अस्पताल पहुंचने के कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दिख रहा है कि छात्रा सुबह करीब 7:30 बजे अपने स्कूल बैग के साथ अपनी कक्षा की ओर जा रही है. तभी अचानक उसे कुछ परेशानी महसूस हुई बगल की कुर्सी पर बैठे-बैठे उसे अचानक बहुत दर्द होने लगा, आसपास खड़े शिक्षक व अन्य स्कूली बच्चे बच्ची की हालत खराब होता देख उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. डॉक्टरों ने बताया कि लड़की की कार्डियक अरेस्ट (दिल का दौरा पड़ने) के कारण मौत हुई है।
वहीं, कुछ दिन पहले कर्नाटक के मैसूर जिले में एक स्कूल परिसर में 8 साल की बच्ची की कार्डियक अरेस्ट से मौत हो गई थी यह छात्रा तीसरी कक्षा की छात्रा थी और जब उसकी तबीयत खराब हुई तो वह अपनी क्लास में ही थी उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया इन दो घटनाओं ने अब लाखों लोगों को भ्रमित कर दिया है कि आखिर बचपन में ही दिल कमजोर क्यों होने लगता है. जीवनशैली, बदली हुई आदतें या कुछ और? आइए इस खतरनाक पहलू के बारे में विस्तार से समझने की कोशिश करते हैं और यह जानने की कोशिश करते हैं कि बच्चों में दिल की बीमारी क्यों बढ़ रही है-
कार्डियक अरेस्ट क्या है?
कार्डियक अरेस्ट एक खतरनाक स्थिति है जिसमें व्यक्ति का दिल काम करना बंद कर देता है. इससे हृदय रक्त पंप करना बंद कर देता है, जिसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. अगर इसे आसान शब्दों में समझें तो दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है, इसलिए इसे सडन कार्डिएक अरेस्ट भी कहा जाता है।