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99 लाख 99 हजार 999 मूर्तिया और रहस्य

उनाकोटी – 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां, क्या है रहस्य – दुनिया कई ऐसे रहस्यों से भरी पड़ी हैं, जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। ऐसा भी नहीं है कि, इन उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाने की किसी ने कोशिश न की हो। दरअसल वैज्ञानिक या शोधकर्ता जितनी …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 05 Nov, 2024
99 लाख 99 हजार 999 मूर्तिया और रहस्य

उनाकोटी – 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां, क्या है रहस्य – दुनिया कई ऐसे रहस्यों से भरी पड़ी हैं, जिन्हें आज तक कोई नहीं सुलझा पाया। ऐसा भी नहीं है कि, इन उलझी हुई गुत्थियों को सुलझाने की किसी ने कोशिश न की हो। दरअसल वैज्ञानिक या शोधकर्ता जितनी बार भी इन रहस्यों के पीछे का सच जानने की कोशिश करते हैं, वो उतना ही उलझ जाते। हमारे ब्लॉग में हम आपको पहले भी कई अदभुत व रहस्य्मयी मंदिरों और जगहों के बारे में बता चके है। आज भी हम आपको एक रहस्यमयी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं।

उनाकोटी का रहस्य Unakoti Ka Rahasy

दरअसल, एक ऐसी ही जगह है त्रिपुरा की राजधानी अगरतल्ला से लगभग 145 किलोमीटर दूर, जिसे उनाकोटी के नाम से जाना जाता है। कहते हैं कि यहां कुल 99 लाख 99 हजार 999 पत्थर की मूर्तियां हैं, जिनके रहस्यों को आज तक कोई भी सुलझा नहीं पाया है। जैसे कि- ये मूर्तियां किसने बनाई, कब बनाई और क्यों बनाई और सबसे जरूरी कि एक करोड़ में एक कम ही क्यों? हालांकि इसके पीछे कई कहानियां प्रचलित हैं, जो हैरान करने वाली हैं। इन रहस्यमय मूर्तियों के कारण ही इस जगह का नाम उनाकोटी पड़ा है, जिसका अर्थ होता है करोड़ में एक कम। इस जगह को पूर्वोत्तर भारत के सबसे बड़े रहस्यों में से एक माना जाता है। कई सालों तक तो इस जगह के बारे में किसी को पता ही नहीं था। हालांकि अभी भी बहुत कम लोग ही इसके बारे में जानते हैं।

उनाकोटी को रहस्यों से भरी जगह इसलिए कहते हैं, क्योंकि एक पहाड़ी इलाका है जो दूर-दूर तक घने जंगलों और दलदली इलाकों से भरा है। अब ऐसे में जंगल के बीच में लाखों मूर्तियों का निर्माण कैसे किया गया होगा, क्योंकि इसमें तो सालों लग जाते और पहले तो इस इलाके के आसपास कोई रहता भी नहीं था। यह लंबे समय से शोध का विषय बना हुआ है। मान्यता है कि एक बार भगवान शिव समेत एक करोड़ देवी-देवता कहीं जा रहे थे। रात हो जाने की वजह से बाकी के देवी-देवताओं ने शिवजी से उनाकोटी में रूककर विश्राम करने को कहा।

शिवजी मान गए, लेकिन साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सूर्योदय से पहले ही सभी को यह स्थान छोड़ देना होगा। लेकिन सूर्योदय के समय केवल भगवान शिव ही जग पाए, बाकी के सारे देवी-देवता सो रहे थे। यह देखकर भगवान शिव क्रोधित हो गए और श्राप देकर सभी को पत्थर का बना दिया। इसी वजह से यहां 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियां हैं, यानी एक करोड़ से एक कम (भगवान शिव को छोड़कर)।

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