पहलगाम हमले पर बदले अमेरिका के सुर : अमेरिका (USA) ने भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) से जिम्मेदार समाधान की दिशा में काम करने का अनुरोध किया है. क्योंकि जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) के पहलगाम में हुए अटैक के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वो दोनों देशों के संपर्क में हैं. और उनसे बातचीत और तनाव कम करने के लिए कदम उठाने को कह रहे हैं. साथ ही अमेरिका ने भारत के प्रति अपना समर्थन भी दोहराया है.अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को ईमेल से भेजे गए एक बयान में बताया, अभी दोनों देशों के बीच स्थिति तनावपूर्ण है. हम सभी घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं. और संयुक्त राज्य अमेरिका सभी पक्षों को एक जिम्मेदार समाधान की दिशा में मिलकर काम करने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. विदेश विभाग के प्रवक्ता ने राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस की लाइन को दोहराते हुए भारत के साथ खड़े रहने की प्रतिबद्धता जताई है।
बता दें कि वाशिंगटन एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के अपने प्रयासों में नई दिल्ली को एक प्रमुख भागीदार के रूप में देखता है. हालांकि पाकिस्तान भी अमेरिका का सहयोगी बना हुआ है. लेकिन साल 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका की वापसी के बाद से इसका रणनीतिक महत्व कम हुआ है।
इस बीच चीन ने 27 अप्रैल को भारत के आरोपों की निष्पक्ष जांच के पाकिस्तान के आह्वान का समर्थन किया है. पाकिस्तान के उपप्रधानमंत्री इशाक डार और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बातचीत के बाद बीजिंग के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह तटस्थ जांच का समर्थन करता है.बीजिंग के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, चीन कश्मीर में आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव की स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए हैं. और इस मामले में तत्काल निष्पक्ष जांच की शुरुआत का समर्थन करता है।
बीजिंग उम्मीद करता है कि दोनों पक्ष संयम बरतेंगे, एक-दूसरे से बातचीत कर तनाव कम करने के लिए काम करेंगे.इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी पहलगाम हमले की तटस्थ जांच की बात कही थी. इस्लामाबाद ने प्रस्ताव दिया कि जांच दल में चीन, रूस या पश्चिमी देशों के एक्सपर्ट शामिल हो सकते हैं.