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#उधम सिंह नगर

बड़ी अपडेट,,,मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के खिलाफ सुनवाई आज,,,सीएम ने कहा था केंद्र कर रहा शक्तियों का दुरुपयोग..

दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर आज सुनवाई करेगा, जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 29 Apr, 2024
बड़ी अपडेट,,,मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के खिलाफ सुनवाई आज,,,सीएम ने कहा था केंद्र कर रहा शक्तियों का दुरुपयोग..

दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके खिलाफ केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

सुप्रीम कोर्ट दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर आज सुनवाई करेगा, जिसमें केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है।

सूत्रों  के मुताबिक,,, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की याचिका पर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच सुनवाई करेगी।

दरअसल केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सही नहीं है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी लोकसभा चुनाव को देखते हुए की गई है।

केजरीवाल ने याचिका में दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने और आदर्श आचार संहिता लागू होने के पांच दिन बाद ईडी ने एक मौजूदा मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय विपक्षी दलों में से एक के राष्ट्रीय संयोजक को अवैध रूप से पकड़ लिया।

इन दलीलों को ईडी ने खारिज कर दिया है।

ईडी ने क्या कहा है?

ईडी ने केजरीवल की याचिका पर कहा कि कानून के सामने सब बराबर है. ऐसे में किसी अन्य शख्स और केजरीवाल से अलग-अलग व्यवहार नहीं किया जा सकता।

केजरीवाल को हमने नौ समन भेजे थे, लेकिन वो एक में भी पेश नहीं हुए. अब जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

दरअसल, कोर्ट ने 15 अप्रैल को ईडी को नोटिस जारी किया था और केजरीवाल की याचिका पर उससे जवाब मांगा था।

कोर्ट ने नौ अप्रैल को मामले में केजरीवाल की गिरफ्तारी को बरकरार रखा था और कहा था कि इसमें कुछ भी अवैध नहीं है।

हाईकोर्ट ने कहा कि बार-बार समन जारी करने और जांच में शामिल होने से इनकार करने के बाद ईडी के पास कम विकल्प बचे थे।

 

 

 

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