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आज राष्‍ट्रपति के अभिभाषण के साथ होगी बजट सत्र की शुरुआत

आज 31 जनवरी से संसद में बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है. पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. राष्‍ट्रपति का अभिभाषण सुबह 11 बजे शुरू होगा. इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें होंगी जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 31 Jan, 2025
आज राष्‍ट्रपति के अभिभाषण के साथ होगी बजट सत्र की शुरुआत

आज 31 जनवरी से संसद में बजट सत्र की शुरुआत होने जा रही है. पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगी. राष्‍ट्रपति का अभिभाषण सुबह 11 बजे शुरू होगा. इसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें होंगी जिसमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी. दोपहर 12 बजे वित्‍त मंत्री लोकसभा में और 2 बजे राज्यसभा में इकोनॉमिक सर्वे पेश करेंगी. इसके बाद कल यानी 1 फरवरी को देश का आम बजट संसद में पेश किया जाएगा.

 

सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा. इस सत्र के विधायी एजेंडे में वक्फ (संशोधन) विधेयक समेत कुल 16 विधेयक शामिल हैं. आज से शुरू हो रहे बजट सत्र की शुरुआत काफी हंगामेदार हो सकती है. इसके संकेत गुरुवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में साफ तौर पर देखने को मिले हैं.

 

क्‍या है इकोनॉमिक सर्वे

इकोनॉमिक सर्वे एक साल में देश के आर्थिक विकास का सालाना लेखा-जोखा होता है, जिसके आधार पर यह अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले एक साल से अंदर देश की अर्थव्यवस्था किस तरह की रही. किन मोर्चों पर फायदा मिला और कहां नुकसान हुआ. इसी इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर यह तय किया जाता है कि आने वाले साल में देश की अर्थव्यवस्था के अंदर किस तरह की संभावनाएं मौजूद हैं. इकोनॉमिक सर्वे के आधार पर सरकार को सुझाव भी दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें लागू करना है या नहीं करना, यह सरकार की जिम्मेदारी होती है. इकोनॉमिक सर्वे से न सिर्फ देश की अर्थव्यवस्था का पूर्वानुमान लगाया ही जाता है, साथ ही यह भी अंदाजा लगाया जाता है कि पिछले साल के आधार पर क्या महंगा होगा और क्या सस्ता हो सकता है.

 

बजट सत्र से पहले बुलाई गई सर्वदलीय बैठक

बजट सत्र से पहले गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई गई. सर्वदलीय बैठक में विपक्षी दलों ने बृहस्पतिवार को कहा कि महाकुंभ में भगदड़ तथा इस आयोजन में अतिविशिष्ट लोगों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित तौर पर अधिक तवज्जो दिए जाने के विषय पर संसद में चर्चा होनी चाहिए तथा शोक प्रस्ताव लाना चाहिए. बैठक में 36 दलों के 52 नेताओं ने भाग लिया।

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