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CM Yogi हेलो ! योगी जी.. फटाफट कहिये सुनिए

CM Yogi हेलो ! योगी जी.. फटाफट कहिये सुनिए : CM Yogi उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कड़े प्रशासनिक फैसलों और योगी मॉडल के लिए जाने जाते हैं। कानून-व्यवस्था हो या विकास कार्य, योगी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिला …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 19 Mar, 2025
CM Yogi हेलो ! योगी जी.. फटाफट कहिये सुनिए

CM Yogi हेलो ! योगी जी.. फटाफट कहिये सुनिए :  CM Yogi उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने कड़े प्रशासनिक फैसलों और योगी मॉडल के लिए जाने जाते हैं। कानून-व्यवस्था हो या विकास कार्य, योगी सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिला है। यदि आप अपनी कोई समस्या सीधे मुख्यमंत्री तक पहुंचाना चाहते हैं या सरकार से संपर्क करना चाहते हैं, तो यह जानकारी आपके लिए उपयोगी हो सकती है।

सीएम योगी आदित्यनाथ से कैसे करें संपर्क CM Yogi

यदि आपकी शिकायत तहसील दिवस, ब्लॉक या जिलाधिकारी स्तर पर हल नहीं हो रही है, तो आप सीधे मुख्यमंत्री कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं। सरकार ने इसके लिए कई माध्यम उपलब्ध कराए हैं।मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 – इस नंबर पर कॉल करके अपनी समस्या दर्ज करवा सकते हैं। सीएम योगी के मोबाइल नंबर 9454404444 – इस नंबर पर आप अपनी शिकायत या सुझाव भेज सकते हैं।

सोशल मीडिया और ऑनलाइन माध्यम

आधिकारिक वेबसाइट: yogiadityanath.in

सीएम संपर्क ऐप: गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध ‘सीएम योगी आदित्यनाथ संपर्क’ ऐप के जरिए भी आप अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।

ट्विटर/X आईडी: @myogiadityanath
फेसबुक पेज: /myogiadityanath

कैसे करें शिकायत दर्ज

व्हाट्सएप, ट्विटर या फेसबुक के माध्यम से अपनी समस्या लिखकर भेज सकते हैं।

1076 हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।

आधिकारिक वेबसाइट या सीएम संपर्क ऐप के जरिए शिकायत सबमिट करें।

आपकी शिकायत दर्ज होने के बाद 3-4 दिनों के भीतर कार्रवाई की जाएगी।

यदि समय पर समाधान नहीं हुआ, तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

योगी आदित्यनाथ का सफर: संन्यास से सत्ता तक

योगी आदित्यनाथ का जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड के पौड़ी जिले के पंचूर गांव में हुआ था। उनका असली नाम अजीत सिंह बिष्ट था। 1993 में एसएससी की पढ़ाई के बाद उन्होंने गोरखनाथ मंदिर में अध्ययन करने का निर्णय लिया। वहां उनकी मुलाकात महंत अवेद्यनाथ जी से हुई, जिनसे उन्होंने गुरु दीक्षा ली और 1994 में संन्यास ग्रहण कर लिया।

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