Menu
#टिहरी गढ़वाल

एक ही पैर से पूरी की चारधाम यात्रा – गजब है जज्बा

एक ही पैर से पूरी की चारधाम यात्रा : चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है. यह यात्रा उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों– बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक जाती है. हर साल लाखों श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निकलते हैं, ताकि आत्मिक शांति …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 20 Jun, 2025
एक ही पैर से पूरी की चारधाम यात्रा – गजब है जज्बा

एक ही पैर से पूरी की चारधाम यात्रा : चार धाम यात्रा हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र मानी जाती है. यह यात्रा उत्तराखंड के चार प्रमुख धामों– बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री तक जाती है. हर साल लाखों श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों की यात्रा पर निकलते हैं, ताकि आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति कर सकें. हाल ही में यात्रा से लौटे इंदर यादव, महेश जैन और एक पैर से यात्रा पूरी करने वाले राजेश जैन ने अपने अनुभव साझा किए. मीडिया के साथ बातचीत में इंदर यादव बताते हैं कि उनकी चार धाम यात्रा बहुत ही सुंदर और सफल रही. वे समय से पहले सभी धामों तक पहुंच गए थे, जिससे उन्हें अत्यधिक भीड़ का सामना नहीं करना पड़ा।

यह भी पढ़ें :- चॉकलेट खाने के बेमिसाल फायदे

इंदर बताते हैं कि वे मौसम खराब होने से पहले ही प्रमुख तीर्थ स्थलों के दर्शन कर चुके थे, इसीलिए उन्हें कोई कठिनाई नहीं हुई. यात्रा के दौरान मौसम ने थोड़ी चुनौती जरूर दी, लेकिन उनकी सूझबूझ और प्रशासन की मदद से सब कुछ व्यवस्थित रहा. वापसी के समय उन्होंने देखा कि मौसम खराब होने की वजह से एक पहाड़ी रास्ता टूट गया था. लेकिन सौभाग्य से बगल से आने-जाने का दूसरा रास्ता मौजूद था, जिससे उन्हें किसी तरह की बड़ी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. उन्होंने प्रशासन की ओर से दी जा रही जानकारी और सहायता की सराहना की और कहा कि आज की यात्रा पहले की तुलना में अधिक सुरक्षित और सुव्यवस्थित हो चुकी है।

महेश जैन ने बताया कि चारों धामों की यात्रा उनके जीवन का एक अविस्मरणीय अनुभव रहा. उन्होंने सरकार और स्थानीय प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्थाओं की जमकर तारीफ की. साफ-सफाई, चिकित्सा सुविधा, ठहरने की व्यवस्था और यात्री सुरक्षा की व्यवस्था पहले से काफी बेहतर थी. महेश जैन ने कहा कि चाहे लंबा पैदल सफर हो या ऊंचे पहाड़ी रास्ते, हर जगह सुरक्षा बल मौजूद थे, जो यात्रियों की मदद को तत्पर रहते थे।

यह भी पढ़ें :- खाली पेट पपीता खाने के फायदे

इस यात्रा में सबसे प्रेरणादायक कहानी इंदौर के रहने वाले राजेश जैन की रही, जो एक पैर से चल पाते हैं. उनका दूसरा पैर नहीं है, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और बिना किसी सहारे के न घोड़ा, न खच्चर की मदद से पूरे चारधाम की यात्रा पैदल तय की. राजेश ने कहा कि भगवान ने बुलाया था, तो मैं एक पैर से ही पहुंच गया।

Share This Article