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क्या आप करते हैं शरीर के 7 चक्रों को एक्टिव ?

क्या आप करते हैं शरीर के 7 चक्रों को एक्टिव : हमारे शरीर में 7 चक्र मौजूद हैं, यही चक्र हमारे शरीर को नियंत्रित करते हैं. ये 7 चक्र शरीर में सात ऊर्जा केंद्रों को दर्शाते हैं जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. कल्याण को प्रभावित करते …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 30 Jun, 2025
क्या आप करते हैं शरीर के 7 चक्रों को एक्टिव ?

क्या आप करते हैं शरीर के 7 चक्रों को एक्टिव : हमारे शरीर में 7 चक्र मौजूद हैं, यही चक्र हमारे शरीर को नियंत्रित करते हैं. ये 7 चक्र शरीर में सात ऊर्जा केंद्रों को दर्शाते हैं जो शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं. कल्याण को प्रभावित करते हैं. हर चक्र एक खास रंग होता है. यही कारण है कि और उस खास रंग का उस चक्र की ऊर्जा से सीधा संबंध होता है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि रंग और चक्र दोनों ही एक दूसरे से परस्पर संबंध रखते हैं और दोनों का ही हमारे जीवन पर प्रभाव पड़ता है।

चक्र और रंग दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. हर चक्र एक रंग से जुड़ा होता है जाहिर है उस खास रंग का प्रभाव उस चक्र की ऊर्जा पर सीधा असर करता है. रंग और चक्र दोनों का प्रयोग से हम जीवन को संतुलित और सक्रिय कर सकते हैं. किसी खास चक्र को एक खास रंग के माध्यम से संतुलित किया जा सकता है. इसी को कलर थेरेपी कहते हैं. तो चलिए जानते हैं, किस च्रक का कौन से खास रंग से संबंध है और जीवन में क्या उस च्रक का क्या काम है, क्या स्थान है, और उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलू क्या हैं।

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मूलाधार चक्र (लाल रंग)

कार्य– कुंडलिनी, सुरक्षा, ग्राउंडिंग, भय, शारीरिक ऊर्जा।

स्थान– रीढ़ की हड्डी का आधार।

नकारात्मक (जब यह चक्र कमज़ोर होता है) – असुरक्षा, निराशा, बेचैनी, भय, लालच, अलगाव, परायापन आदि।

सकारात्मक (जब यह चक्र सक्रिय होता है) – संबंधों में स्थिरता, सुरक्षा और संतोष की भावना, सुरक्षा की भावना,जड़ता,नैतिकता,आदेश,प्रतिबद्धता।

मंत्र– लम

क्या आप करते हैं शरीर के 7 चक्रों को एक्टिव
क्या आप करते हैं शरीर के 7 चक्रों को एक्टिव

स्वाधिष्ठान चक्र (नारंगी रंग)

स्थान– नाभि के नीचे

कार्य– भावनाओं और कामुकता, शांति, क्रोध

नकारात्मक– थकावट, उदासी, लालच, अवसाद

सकारात्मक– खुशी, आनंद, प्रचुरता, भलाई की भावना

मंत्र-यम

मणिपुर चक्र (पीला रंग)
स्थान-पेट (नाभि से तीन इंच ऊपर)

नकारात्मक– आत्म-मूल्य की भावना, आत्मविश्वास की कमी, सशक्तिकरण और उपलब्धि की कमी।

सकारात्मक– आत्मविश्वास से भरा हुआ, उपलब्धियां

मंत्र-राम

अनाहत चक्र (हरा रंग)

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स्थान– हृदय

नकारात्मक– बेहोशी, घृणा, अलगाव

सकारात्मक– समूह, चेतना, प्रेम

मंत्र-यम

विशुद्ध चक्र- (आसमानी नीला रंग)

स्थान– गला

नकारात्मक– संचार की कमी, आत्म अभिव्यक्ति की कमी, सुस्त ऊर्जा स्तर, खराब ध्वनि

सकारात्मक– संचार, आत्म अभिव्यक्ति, रचनात्मक ऊर्जा, ध्वनि

मंत्र-हम

आज्ञा चक्र (नीला रंग)

स्थान– भौंहों के बीच माथा

नकारात्मक– तनाव, अवसाद, बुद्धि की कमी

सकारात्मक– तीसरी आंख , अंतर्ज्ञान, बुद्धि, प्रकाश, टेलीपैथी

मंत्र– ओम

सहस्त्रार चक्र (बैंगनी रंग)

स्थान– सिर के ऊपर

नकारात्मक– थकान, सिर दर्द, अनिद्रा, और आत्म-चेतना का अभाव

सकारात्मक– आध्यात्मिक दृष्टि, ज्ञानोदय

मंत्र– सार्वभौमिक ध्वनि

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