क्या आप जानते हैं रुपये की कहानी ? : पैसा बनाने वाला पहला व्यक्ति का निर्दिष्ट नाम नहीं है, क्योंकि पैसे का उत्पादन एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाता है, बल्कि वह एक सामाजिक और आर्थिक प्रक्रिया है। पैसे या मुद्रा का उत्पादन समाज की आवश्यकताओं और व्यापारिक प्रवृत्तियों के परिणामस्वरूप होता है। प्राचीन समय से ही लोगों ने विभिन्न प्रकार के धन और मुद्रा का उपयोग किया है, जैसे कि धातु के सिक्के, चांदी, और अन्य वस्तुओं का उपयोग व्यापार और विनिमय के लिए। धन का उत्पादन और प्रबंधन समृद्धि और व्यापार के विकास के साथ साथ बढ़ा, और इसका उपयोग विभिन्न समाजों और सभ्यताओं में विशाल रूप से हुआ
भारत का प्रथम सिक्का क्या था ?
भारत का प्रथम सिक्का मौर्य साम्राज्य के शासक चंद्रगुप्त मौर्य के समय में जारी किया गया था। इस सिक्के को सामान्यतः पंचाल थे, जो कि चंद्रगुप्त मौर्य के प्रादेशिक साम्राज्य का नाम था। इस सिक्के पर अक्षरों में चंद्र और बुल्लक का प्रतिष्ठान होता था। चंद्रगुप्त मौर्य के सिक्के चांदी के बने होते थे और उनमें विभिन्न छवियाँ और चिह्न थे जैसे कि हाथी, उड़ते हुए गधा, चंद्रमा, इत्यादि। ये सिक्के प्राचीन भारतीय मुद्रा के प्रारंभिक रूप में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, भारत ने अपनी स्वतंत्र राष्ट्रीय मुद्रा को शुरू किया, जिसे पहले रुपया कहा जाता था। भारत का रुपया (₹) आधिकारिक मुद्रा है और इसकी विभिन्न संख्यात्मक मूल्य और नोट जारी की गई है।
भारतीय मुद्रा का इतिहास बहुत प्राचीन है और इसमें विविधता है। भारतीय मुद्रा का प्रारंभिक उपयोग प्राचीन काल में हुआ था, जब विभिन्न राजाओं और साम्राज्यों ने स्वयं की मुद्रा जारी की थी। इसके बाद कई साम्राज्यों ने अपनी मुद्राओं का उत्पादन और उपयोग किया, जैसे कि गुप्त, मौर्य, चोल, मुगल आदि। यहां कुछ मुख्य घटनाएं भारतीय मुद्रा के इतिहास को संक्षेप में दिखाती हैं | गुप्त साम्राज्य के समय में भारत में सोने और चांदी के सिक्के जारी किए गए थे। ये सिक्के गुप्त साम्राज्य की शक्ति और सांस्कृतिक उत्थान को दर्शाते हैं। मौर्य साम्राज्य (3वीं से 2वीं सदी ईसा पूर्व): मौर्य साम्राज्य में पहले भारतीय सिक्के जारी किए गए थे जिनमें चांदी के सिक्के अधिक थे। मुगल साम्राज्य (16वीं से 19वीं सदी): मुग़ल साम्राज्य के समय में सोने के सिक्के जारी किए गए थे जिनमें शासक की छवि और अलंकरण शामिल थे।