Menu
#अंतराष्ट्रीय

रोडवेज बस स्टेशन से मंगलपड़ाव तक अतिक्रमण हटाने की कवायद

रोडवेज बस स्टेशन से अतिक्रमण हटाने की कवायद : उत्तराखंड प्रशासन ने रोडवेज बस स्टेशन से मंगलपड़ाव तक अतिक्रमण के चलते आ रही 101 दुकानों और भवनों को हटाने के लिए एक नई पहल की है। नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने दुकानदारों और भवन मालिकों को सार्वजनिक …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 26 Aug, 2024
रोडवेज बस स्टेशन से मंगलपड़ाव तक अतिक्रमण हटाने की कवायद

रोडवेज बस स्टेशन से अतिक्रमण हटाने की कवायद : उत्तराखंड प्रशासन ने रोडवेज बस स्टेशन से मंगलपड़ाव तक अतिक्रमण के चलते आ रही 101 दुकानों और भवनों को हटाने के लिए एक नई पहल की है। नगर निगम और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने दुकानदारों और भवन मालिकों को सार्वजनिक नोटिस जारी कर दिए हैं, जिसमें उन्हें 4 सितंबर तक अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया गया है।

नोटिस में चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय तक अतिक्रमण नहीं हटाया गया, तो 5 सितंबर से बलपूर्वक बुलडोजर चलाए जाएंगे और अतिक्रमण हटाने की लागत भी दुकानदारों से वसूली जाएगी।

इससे पहले, नगर निगम और लोनिवि ने अतिक्रमण हटाने के लिए 23 अगस्त की तारीख तय की थी, लेकिन एक याचिका के बाद हाईकोर्ट ने सुनवाई के लिए 10 दिन की समयावधि दी।

यह समयावधि 4 सितंबर तक की है। हाईवे चौड़ीकरण के लिए सड़क के बीच से 12-12 मीटर की जगह छोड़नी है, इसलिए यह कदम उठाया जा रहा है।

वर्ष 2023 में, सरकार ने 13 चौराहों और तिराहों के चौड़ीकरण के लिए 14.23 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। इस कार्य के तहत मंगलपड़ाव से रोडवेज स्टेशन तक एक संयुक्त सर्वेक्षण किया गया था।

डीएम की अध्यक्षता में मामले की सुनवाई हुई और इसके बाद मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया था। हाईकोर्ट ने एक याचिका को निरस्त कर दिया और एक और याचिका के बाद अतिक्रमणकारियों का पक्ष जानने के लिए समय देने की बात कही थी।

रविवार को नगर आयुक्त विशाल मिश्रा और लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने सार्वजनिक नोटिस जारी किए। इसमें कहा गया है कि मंगलपड़ाव से रोडवेज तक 101 दुकानदारों और भवन मालिकों को अतिक्रमण 4 सितंबर तक हर हाल में हटा लेना चाहिए। नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार प्रभावितों को फिर से सुनवाई के लिए 10 दिन का मौका दिया गया है। इसके चलते, सड़क के चौड़ीकरण के लिए दुकानों और भवनों को हटाया जाना आवश्यक है।

पब्लिक नोटिस में स्पष्ट किया गया है कि यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है, तो नगर निगम और लोक निर्माण विभाग बलपूर्वक कार्रवाई करेंगे। इस कार्रवाई में बुलडोजर का इस्तेमाल किया जाएगा और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया की लागत भी दुकानदारों और भवन मालिकों से वसूली जाएगी।

अतिक्रमण हटाने की इस प्रक्रिया को लेकर व्यापारियों और स्थानीय लोगों में असंतोष भी व्यक्त किया जा रहा है। कई दुकानदारों का कहना है कि उन्हें पहले ही पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए था और उचित मुआवजा प्रदान किया जाना चाहिए।

यह कदम सड़क के चौड़ीकरण और हाईवे के विकास के लिए आवश्यक माना जा रहा है, जो क्षेत्रीय परिवहन को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन इस प्रक्रिया में अतिक्रमणकारियों और स्थानीय व्यापारियों के भविष्य पर असर पड़ सकता है।

इस स्थिति में, प्रशासन को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी प्रभावित पक्षों के साथ उचित चर्चा और मुआवजे की व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना होगा कि सड़क चौड़ीकरण का काम प्रभावी ढंग से और बिना किसी बड़ी कठिनाई के पूरा हो सके।

Share This Article