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दिल और फेफड़े बने 169 श्रद्धालुओं की मौत की वजह

दिल और फेफड़े बने 169 श्रद्धालुओं की मौत की वजह : भारत की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस साल भक्तों की भारी भीड़ के चलते सुर्खियों में रही है. अप्रैल से शुरू हुई इस तीर्थयात्रा में अब तक करीब 38 लाख श्रद्धालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र धामों के …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 14 Jul, 2025
दिल और फेफड़े बने 169 श्रद्धालुओं की मौत की वजह

दिल और फेफड़े बने 169 श्रद्धालुओं की मौत की वजह :  भारत की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा इस साल भक्तों की भारी भीड़ के चलते सुर्खियों में रही है. अप्रैल से शुरू हुई इस तीर्थयात्रा में अब तक करीब 38 लाख श्रद्धालु यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ के पवित्र धामों के दर्शन कर चुके हैं. लेकिन इस आस्था यात्रा के दौरान 169 लोगों की दुखद मौत ने चिंता बढ़ा दी है. उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, ज्यादातर मौतें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं, विशेषकर हृदय और फेफड़ों के चलते हुई हैं।

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चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल 2025 को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलने से हुई थी. इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बद्रीनाथ के कपाट खोले गए. इस बार यात्रा में पिछले वर्षों की तुलना में कहीं अधिक श्रद्धालु पहुंचे. अकेले केदारनाथ में अब तक 14 लाख से ज्यादा लोग पहुंचे हैं, जबकि बद्रीनाथ में लगभग 11.7 लाख भक्तों ने दर्शन किए. यमुनोत्री और गंगोत्री में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।

सरकार ने की सख्त स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था

हालांकि, समुद्र तल से 3,000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर स्थित इन तीर्थ स्थलों की यात्रा में स्वास्थ्य जोखिम लगातार चुनौती बने हुए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, 169 मौतों में अधिकतर मामले दिल की बीमारियों और हाई-ऑल्टीट्यूड पल्मोनरी एडीमा के रहे. इनमें से ज्यादातर लोग 45 से 65 वर्ष की उम्र के थे और पहले से ही डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से ग्रस्त थे।

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पहले महीने में ही 4.3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की मेडिकल जांच

राज्य सरकार ने जोखिम को कम करने के लिए सख्त स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था की. यात्रा के पहले महीने में ही 4.3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की मेडिकल जांच की गई, जिनमें करीब 17,800 लोगों को उच्च जोखिम वाला पाया गया. इनमें से 294 यात्रियों को अस्पताल रेफर किया गया और 29 को यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गई. यात्रा मार्ग पर 69 डॉक्टर, 121 नर्स, 309 ऑक्सीजनयुक्त बिस्तर और 13 एंबुलेंस तैनात की गईं. बावजूद इसके, बहुत से श्रद्धालु बिना पूरी जानकारी दिए या उचित तैयारी के आ जाते हैं, जिससे हादसे बढ़ जाते हैं.सरकार ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि यात्रा से पहले अनिवार्य स्वास्थ्य जांच जरूर कराएं और डॉक्टरों की सलाह मानें. खासकर उम्रदराज और बीमारियों से ग्रस्त लोगों को यात्रा के दौरान आराम और उचित अनुकूलन पर ध्यान देने को कहा गया है।

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