बेड़ियों में बंधे हैं यहाँ रामभक्त हनुमान, फिर भी कर रहे हैं मंदिर की अडिग रक्षा : भारत के पावन भूमि में कई ऐसे मंदिर हैं, जहाँ छिपे हैं अद्भुत रहस्य और कहानियाँ, जो सुनने वालों को दंग कर देती हैं। ऐसी ही एक रहस्यमयी जगह है ओडिशा के पुरी धाम का बेड़ी हनुमान मंदिर, जहाँ भगवान हनुमान को जंजीरों में बांधा गया है!
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये बेड़ियां सिर्फ बंधन नहीं, बल्कि एक गहरे रहस्य की चाबी हैं? पुरी के इस मंदिर में हनुमान जी, जो अपनी शक्तियों और वीरता के लिए जाने जाते हैं, उन्हें क्यों जंजीरों में बांधा गया? और फिर भी ये वहीं से मंदिर और पुरी नगर की कितनी मजबूती से रक्षा करते हैं? इस सवाल का जवाब सुनकर आपकी सांसें थम जाएंगी! कहते हैं कि समुद्र देवता बार-बार इस पवित्र मंदिर में घुसने की कोशिश करता था, जिससे तीन बार मंदिर को भारी नुकसान हुआ। तब महाप्रभु जगन्नाथ जी ने हनुमान जी को समुद्र से इस मंदिर और नगर की रक्षा का जिम्मा सौंपा।
लेकिन हनुमान जी जब मंदिर में भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए प्रवेश करते, तो समुद्र देवता भी उनके पीछे-पीछे आता, जिससे नगर खतरे में पड़ जाता। फिर क्या था, भगवान जगन्नाथ ने अपनी माया और शक्ति से हनुमान जी को स्वर्ण की बेड़ियों में बांध दिया, ताकि वे मंदिर की रक्षा के साथ-साथ स्थिर भी रह सकें। आज भी ये बेड़ियां वहीं मौजूद हैं, और हनुमान जी अडिग रूप से पुरी के इस पवित्र मंदिर की रखवाली करते हैं। मंदिर की दीवारों पर छपे देवी-देवताओं के रहस्यमय चित्र, माता अंजना का हनुमान को गोद में प्यार से लाड़ करना, और भगवान गणेश की शक्तिशाली छवि इस मंदिर की पवित्रता को और बढ़ाती है।
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इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि लगभग 935 साल पहले राजा इंद्रद्युमन ने हनुमान जी की प्रेरणा से इस मंदिर का निर्माण करवाया था। आज भी पुरी के श्रद्धालु इसे आस्था और भक्ति की निशानी मानते हैं। क्या आपको विश्वास होगा कि जंजीरों में बंधा ये देवता पुरी और मंदिर को समुद्र की ताकतों से बचा रहा है? ये है बेड़ी हनुमान मंदिर का अनोखा रहस्य, जो सदियों से लोगों के लिए रहस्य और विश्वास दोनों बना हुआ है। तो बने रहिए हमारे साथ, क्योंकि हम आपके लिए लेकर लाते रहेंगे ऐसी ही रहस्यमयी और सनसनीखेज खबरें!