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‘लिव-इन रिलेशनशिप’ पर बोला हाई कोर्ट

‘लिव-इन रिलेशनशिप’ पर बोला हाई कोर्ट : इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज ने लिव-इन रिलेशनशिप मामले में टिप्पणी की है। जस्टिस सिद्धार्थ बैंच ने कहा कि महिलाएं लिव-इन पार्टनर से ब्रेकअप के बाद काफी परेशान रहती हैं। उन्हें लाइफ पार्टनर नहीं मिल पाता है।उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट के …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 28 Jun, 2025
‘लिव-इन रिलेशनशिप’ पर बोला हाई कोर्ट

‘लिव-इन रिलेशनशिप’ पर बोला हाई कोर्ट : इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज ने लिव-इन रिलेशनशिप मामले में टिप्पणी की है। जस्टिस सिद्धार्थ बैंच ने कहा कि महिलाएं लिव-इन पार्टनर से ब्रेकअप के बाद काफी परेशान रहती हैं। उन्हें लाइफ पार्टनर नहीं मिल पाता है।उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाई कोर्ट के जज ने लिव-इन रिलेशनशिप मामले में टिप्पणी की है। जस्टिस सिद्धार्थ बैंच ने शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न करने के मामले में आरोपी को जमानत देते हुए कहा कि महिलाओं को ब्रेकअप के बाद जीवनसाथी ढूंढना मुश्किल हो जाता है। जबकि युवकों की आराम से शादी हो जाती है।

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महिलाओं के खिलाफ लिव-इन रिलेशनशिप

हाई कोर्ट के जस्टिस सिद्धार्थ बैंच ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को वैध घोषित किया हुआ है। इसके बाद से ऐसे केसों की बाढ़ आ गई है। ये मामले कोर्ट में इसलिए आ रहे हैं क्योंकि लिव-इन रिलेशनशिप भारतीय समाज की अवधारणा में फिट नहीं बैठता है। यह काफी हद महिलाओं के खिलाफ है। जस्टिस सिद्धार्थ बैंच ने कहा कि महिलाएं लिव-इन पार्टनर से ब्रेकअप के बाद काफी परेशान रहती हैं। उन्हें लाइफ पार्टनर नहीं मिल पाता है। उनकी शादी में दिक्कत आती है। जबकि युवकों को ब्रेकअप से कुछ फर्क नहीं पड़ता है। उनकी शादी बड़े आराम से हो जाती है। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को लिव-इन में रहना भाता है, लेकिन इसके नतीजे काफी बुरे आ रहे हैं।

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जानिए क्या है पूरा मामला?

दरअसल, एक महिला ने हाई कोर्ट शाने आलम नामक युवक के खिलाफ याचिका दायर की थी। महिला का आरोप था कि शाने आलम ने शादी का झांसा देकर उसका यौन शोषण किया है। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के बाद उसने शादी करने से इनकार कर दिया। इसके बाद शाने आलम के खिलाफ केस दर्ज कराया था।जनवरी 2025 में सुप्रीम कोर्ट ने लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो महिला लंबे से समय से अपने पार्टनर के साथ रह रही है। वो ये दावा नहीं कर सकती है कि पार्टनर ने उसे शारीरिक संबंध बनाने को मजबूर किया था। साथ ही महिला बाद में महिला के खिलाफ रेप का मामला भी दर्ज नहीं करा सकती है।

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