घंडियाल देवता मंदिर से होते हैं हिमालय के दर्शन : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी में आयोजित ‘प्रथम‘ गजा घण्टाकर्ण महोत्सव-2025 का शुभारम्भ किया। मुख्यमंत्री ने गजा स्थित घण्टाकर्ण मंदिर में पूजा अर्चना कर प्रदेश की खुशहाली की कामना की तथा राज्य आंदोलनकारी शहीद बेलमती चौहान की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ सभी को महोत्सव की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री ने किया गजा घण्टाकर्ण महोत्सव का शुभारंभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे महोत्सव समृद्ध संस्कृति और परम्परा को आगे बढ़ाने में अद्वितीय सहयोग देते हैं। गजा घण्टाकर्ण मंदिर पौराणिक मंदिरों में से एक है। बद्रीनाथ की परिक्रमा के बाद दूसरी परिक्रमा यहां पर की जाती है। पर्यटन की दृष्टि से यह अत्यन्त महत्वपूर्ण स्थल है, जहां से हरिद्वार और हिमालय के दर्शन होते हैं। उन्होंने कहा कि महोत्सव के आयोजन से यहां पर विकास की एक नई नींव पड़ रही है, जो ऐतिहासिक समृद्ध संस्कृति को आगे बढ़ाने का सराहनीय प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का वर्ष 2047 तक विकसित भारत संकल्प का लक्ष्य तभी पूरा होगा, जब गांव, पंचायत, क्षेत्र, जनपद और उत्तराखंड विकसित होगा। राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के लिए प्रयासरत है और उत्तराखंड को हिन्दुस्तान का सबसे श्रेष्ठ राज्य बनने से कोई नहीं रोक सकता है। भारत की अर्थव्यवस्था 11वें से चौथे स्थान पर आ गई और 2027 तक तीसरी अर्थव्यवस्था के रूप में उभर कर आयेगी तथा भारत विश्व गुरु और नेतृत्व वाला देश बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत की संस्कृति एवं विरासत अमृत काल में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गजा में लगभग 30 करोड़ की लागत से पॉलीटेक्निक, 24 करोड़ की लागत से हेंवलघाटी पम्पिंग पेयजल योजना का कार्य, नगर पंचायत कार्यालय, गौशाला, विश्राम गृह का कार्य किया गया है। स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने हेतु वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट, हॉउस ऑफ हिमालय ब्रांड के उत्पादों का निर्माण किया जा रहा है। कौशल विकास में निपुण स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी बहनों के द्वारा तैयार किये गये शानदार उत्पाद विदेशी कम्पनियों को भी पीछे छोड़ रहे हैं। फार्म मशीनरी, एप्पल मिशन, नई पर्यटन नीति, नई फिल्म नीति, सौर स्वरोजगार, पर्यटन, कृषि आदि अनेकों क्षेत्रों में सम्भावना के द्वार खुल रहे हैं।
इस मौके पर स्कूली बच्चों द्वारा स्वागत गीत, सरस्वती वंदना, लोकगीत/लोककलाओं पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं नाटक की सुन्दर प्रस्तुति तथा झांकियों का सुन्दर प्रर्दशन किया गया। जिसके लिए मुख्यमंत्री ने बच्चों के माता-पिता और आयोजकों का आभार प्रकट किया और कहा कि उत्तराखंड का पहनावा और लोक संस्कृति को भी आगे बढ़ाना है। उत्तराखंड की माताओं और बहनों ने विदेश में जाकर भी हमारी संस्कृति को संजोकर रखा है। महोत्स में विभिन्न विभागों द्वारा स्टॉल लगाये गये हैं, जिनके माध्यम से लोगों को जन कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है।