बैंक में रखा पैसा डूबा तो 12 लाख मिलेंगे! : बैंक खाते या एफडी में रखा आपका पैसा अब पूरी तरह सुरक्षित रहेगा, भले ही बैंक डूब ही क्यों न जाएं. आपके पैसे की गारंटी अब सरकार लेगी और ऐसे किसी भी हादसे के बाद आपकी जमा पूंजी का भुगतान सरकार करेगी. केंद्र सरकार ने इस बाबत प्रस्ताव दिया है कि आने वाले समय में क्रेडिट गारंटी स्कीम के तहत बैंक में जमा पर मिलने वाले बीमा की राशि को बढ़ाकर 12 लाख तक किया जाएगा. इसका मतलब है कि बचत, चालू या एफडी खाते में बैंक में जमा 12 लाख रुपये तक की राशि पर सरकार की ओर से गारंटी मिलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार बैंक जमा पर बीमा कवर को मौजूदा 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 8-12 लाख रुपये करने की तैयारी में है. यह बदलाव फरवरी के अंत तक किया जा सकता है. वित्तीय सेवा सचिव एम नागराजू ने बजट के बाद कहा था कि सरकार जमा बीमा की सीमा बढ़ाने पर विचार कर रही है. बैंक जमा बीमा कवर में अपेक्षित वृद्धि ऐसे समय में आ रही है, जब एक सहकारी ऋणदाता कंपनी न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक आरबीआई द्वारा नियामक कार्रवाई का सामना कर रहा है।
रिजर्व बैंक ने सहकारी ऋणदाता के बोर्ड को हटा दिया और एक प्रशासक नियुक्त किया है. यह कार्रवाई 122 करोड़ रुपये के घोटाले का पर्दाफाश होने पर की गई है. इस मामले में जनरल मैनेजर और एक सहयोगी के खिलाफ पुलिस कार्रवाई भी की गई और दोनों को 21 फरवरी तक हिरासत में रखा गया है. सहकारी बैंक को नए ऋण जारी करने से रोक दिया गया है और जमा निकासी को निलंबित कर दिया गया है।
बैंक जमा पर बीमा डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) द्वारा सुरक्षा प्रदान की जाती है. यह आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, स्थानीय क्षेत्र बैंकों और सहकारी बैंकों में जमा बीमा का प्रबंधन करती है. डिपॉजिट इंश्योरेंस एक सुरक्षा कवच है जो बैंक जमाकर्ताओं को बैंक का ऋण चुकाने में असमर्थता से बचाता है. यह इंश्योरेंस सभी प्रकार की जमा राशियों को कवर करता है, जैसे बचत, फिक्स्ड, चालू, आवर्ती, सिवाय विदेशी, केंद्र या राज्य सरकारों की जमा राशियों और इंटर-बैंक जमा राशियों पर सुविधा मिलती है।