इंडियंस जेब में नहीं रखते पैसा ! : केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की सर्वे रिपोर्ट बताती है कि भारत में आज लगभग सारे लोग ख़ास कर युवा ऑनलाइन पेमेंट्स कर रहे हैं। यही वजह है कि ज्यादातर लोगों की जेब से कैश गायब हो गया है। यही नहीं 85.5% परिवारों के पास कम से कम एक स्मार्टफोन है, जो देश में डिजिटल क्रांति का प्रतीक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 86.3% परिवारों के पास घर पर इंटरनेट की सुविधा है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार को दर्शाता है. विशेष रूप से, 15-29 वर्ष की आयु के 99.5% युवा डिजिटल बैंकिंग के लिए यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) का उपयोग करते हैं, जो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में इस प्लेटफॉर्म की व्यापक स्वीकार्यता को रेखांकित करता है।
सर्वे में यह भी सामने आया कि ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जिसमें महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. 5G स्मार्टफोन्स की मांग में तेजी, विशेष रूप से ₹8,000-₹13,000 की कीमत सीमा में, ने डिजिटल पहुंच को और बढ़ावा दिया है. 2024 में 153 मिलियन स्मार्टफोन यूनिट्स की शिपमेंट हुई, जिसमें 5G डिवाइसेज का हिस्सा 86% रहा. यह डिजिटल इंडिया पहल और किफायती डेटा योजनाओं का परिणाम है।
UPI के उपयोग में युवाओं की इतनी अधिक भागीदारी भारत की कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर तेजी से बढ़ते कदमों को दर्शाती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह डेटा भारत के डिजिटल बुनियादी ढांचे और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में प्रगति को दर्शाता है. हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में डिवाइस पहुंच और जागरूकता की कमी अभी भी चुनौतियां हैं.सरकार की नीतियां, जैसे PLI योजना, और निजी क्षेत्र की भागीदारी ने स्मार्टफोन बाजार को और मजबूत किया है. यह उपलब्धि भारत को वैश्विक डिजिटल अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।