Menu
#मनोरंजन

जीएमवीएन-केएमवीएन के एकीकरण में शीघ्रता लायी जाये: महाराज

पर्यटन मंत्री ने उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए जीएमवीएन-केएमवीएन के एकीकरण में शीघ्रता लायी जाये: महाराज विभागीय बैठक में पर्यटन अधिकारियों को मंत्री के निर्देश देहरादून : 20 नवंबर 2024 उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन हेतु त्वरित कार्यवाही की जाए। जनपद रुद्रप्रयाग …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 20 Nov, 2024
जीएमवीएन-केएमवीएन के एकीकरण में शीघ्रता लायी जाये: महाराज

पर्यटन मंत्री ने उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन पर त्वरित कार्यवाही के निर्देश दिए

जीएमवीएन-केएमवीएन के एकीकरण में शीघ्रता लायी जाये: महाराज

विभागीय बैठक में पर्यटन अधिकारियों को मंत्री के निर्देश

देहरादून : 20 नवंबर 2024

उत्तराखंड यात्रा विकास प्राधिकरण के गठन हेतु त्वरित कार्यवाही की जाए। जनपद रुद्रप्रयाग स्थित दूरस्थ गांव ब्यूंखी को पर्यटन ग्राम बनाने के अलावा नाथ सर्किट, पांडव सर्किट, विवेकानंद सर्किट और रविंद्र नाथ टैगोर सर्किट बनाने की कार्यवाही भी प्रारंभ की जाए।

उक्त बात प्रदेश पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बुधवार को गढी कैंट स्थित पर्यटन विकास परिषद में आयोजित बैठक में पर्यटन विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कही। उन्होंने गढ़वाल मंडल विकास निगम एवं कुमाऊँ मंडल विकास निगम के एकीकरण के संबंध में भी तत्काल कार्यवाही के निर्देश देते हुए महासू देवता के मास्टर प्लान की स्थिति की भी समीक्षा की।

बैठक के दौरान प्रदेश के पर्यटन मंत्री श्री महाराज ने पर्यटन अधिकारियों को निर्देश दिए कि टनकपुर होते हुए जनकपुर नेपाल के लिए रघुनाथ जी की यात्रा और पशुपतिनाथ से त्रियुगीनारायण तक शंकर जी की बारात के आयोजन हेतु संस्कृति विभाग के साथ मिलकर तैयारियां की जाएं। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से आपसी सद्भाव बढ़ाने के साथ-साथ भारत-नेपाल संबंधों में प्रगाढ़ता आएगी। उन्होंने जनपद रुद्रप्रयाग स्थित प्राचीन मनणामाई मंदिर के स्थलीय विकास किए जाने के निर्देश देते हुए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (एसआई) संरक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार एवं मरम्मत हेतु नियमों में शिथिलता बरतने हेतु भारत सरकार से वार्ता करने की भी बात कही। ज्ञात हो कि एएसआई के कड़े प्रावधानों के चलते संरक्षित मंदिरों की 100 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य पर पाबंदी है जिस कारण पौराणिक मंदिरों का स्थलीय विकास एवं जीणोद्धार नहीं हो पा रहा है।

बैठक के दौरान पर्यटन मंत्री ने कहा कि विदेश भ्रमण के दौरान विभिन्न स्थानों पर यात्रा के दौरान नगद धनराशि देने का प्रावधान नहीं है इसलिए विदेश भ्रमण के दौरान ट्रैवल कार्ड के प्राविधान होना चाहिए। उन्होंने कालीमठ मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि मंदिर की सीढ़ियां काफी खड़ी हैं जिससे वहां आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है इसलिए सीढ़ी के स्टेप को छोटा करने के साथ-साथ बुजुर्गों और दिव्यांगों को मंदिर तक जाने के लिए व्हील चेयर ले जाने के लिए भी व्यवस्था करना बेहद जरूरी है।

बैठक के दौरान पर्यटन सचिव सहित विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।

Share This Article