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दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की जानिए खूबियां

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की जानिए खूबियां : दिल्ली से देहरादून जाने वालों का सफर का मजा दोगुना मिलने वाला है। सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अगले साल यानी जनवरी 2025 में खुलने वाली है। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसे वन्य जीवों के अनुकूल बनाया गया है। …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 28 Nov, 2024
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की जानिए खूबियां

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की जानिए खूबियां :  दिल्ली से देहरादून जाने वालों का सफर का मजा दोगुना मिलने वाला है। सरकार की बहुप्रतीक्षित योजना दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे अगले साल यानी जनवरी 2025 में खुलने वाली है। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेसवे है जिसे वन्य जीवों के अनुकूल बनाया गया है। इस एक्सप्रेस वे पर चलने का आनंद यह है कि यह 6 घंटे के सफर को मात्र 2.5 घंटे में पूरा कर देगा। इसका मतलब जहां अभी आपको दिल्ली से देहरादून जाने में 6 घंटे लगते थे, वहां अब सिर्फ आप 2.5 घंटे में पहुंच जाएंगे। आइए इसके बारे में और विस्तार से आपको बताते हैं।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे की मुख्य बातें

  • कुल लंबाई:210 किलोमीटर.
  • प्रारंभिक बिंदु:दिल्ली में अक्षरधाम (NH 334).
  • अंतिम बिंदु:देहरादून (NH 72).
  • प्रमुख मार्गस्थ स्थान(Pass Through Locations) : गाजियाबाद, बागपत, शामली, सहारनपुर और हरिद्वार.
  • कॉरिडोर डिज़ाइन: एक्सप्रेसवे प्रमुख शहरी यातायात के व्यस्ततम स्थानों को बायपास करता है,जिससे एक सुगम और बिना किसी रुकावट के आपको यात्रा का आनंद मिलेगा।

इको-फ्रेंडली फीचर्स

राजाजी राष्ट्रीय उद्यान के पास वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए 12 किलोमीटर का एलिवेटेड कॉरिडोर शामिल है।

पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए स्थायी सामग्री और हरित तकनीक के साथ विकसित किया गया है।

इसमें एशिया का सबसे लंबा वन्यजीव कॉरिडोर और जानवरों को परेशान करने से रोकने के लिए ध्वनि अवरोधक(Sound Bariiers) हैं।

समय में कटौती

भीड़भाड़ को खत्म करना, यात्रा समय 6 घंटे से घटकर 2.5 घंटे।

एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के माध्यम से सुरक्षा बढ़ाना।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस वे परियोजना की शुरुआत 2021 की में हुई थी। यह कई चरणों में बनाया जा रहा है। 2024 के अंत तक 75% से अधिक निर्माण पूरा हो चुका है। यह परियोजना 2025 के मध्य तक अपनी समय सीमा को पूरा करने की राह पर है, जिसमें कई प्रमुख खंड पहले ही पूरा होने के करीब हैं।

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