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लो जी ! आ गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आम

लो जी ! आ गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आम : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देश का ज़ज़्बा और लोगों का जोश आप खूब देख रहे होंगे। कहीं तिरंगा सम्मन यात्रा निकल रही है तो कहीं सेना के शौर्य को सल्लम करने के नए नए तरीके ईजाद किये जा रहे हैं। नवाबोब …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 31 May, 2025
लो जी ! आ गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आम

लो जी ! आ गया ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आम : ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद देश का ज़ज़्बा और लोगों का जोश आप खूब देख रहे होंगे। कहीं तिरंगा सम्मन यात्रा निकल रही है तो कहीं सेना के शौर्य को सल्लम करने के नए नए तरीके ईजाद किये जा रहे हैं। नवाबोब के शहर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आम की खूब चर्चा है। आम की अनोखी किस्मों के लिए दुनियाभर में मशहूर मलिहाबाद के पद्मश्री हाजी कलीम उल्लाह खान ने इस बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के नाम पर एक नई आम की प्रजाति का नाम रखा है। उन्होंने यह नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के सम्मान में रखा है, जिसमें राजनाथ सिंह की भूमिका अहम रही थी।

हाजी कलीम उल्लाह खान ने बताया कि यह नया आम लगभग 10 इंच लंबा और 700 ग्राम वजनी है, और अभी इसका वजन और बढ़ेगा। उन्होंने अपने बाग में जिस पेड़ पर यह आम लगा है, वहां बाकायदा राजनाथ सिंह के नाम की एक पट्टिका भी लगाई है। वह कहते हैं कि राजनाथ सिंह की कद-काठी जैसी मजबूत और प्रभावशाली है, ठीक वैसे ही यह आम भी बड़ा और खास है।यह आम की प्रजाति 7 से 8 साल में विकसित हुई है। अब तक इस पेड़ पर कोई फल नहीं आया था, लेकिन इस साल पहली बार इसमें आम आए हैं। हाजी कलीम का दावा है कि जब यह आम पूरी तरह से पक जाएगा तो इसका स्वाद भी उतना ही खास और मीठा होगा, जैसे रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा में ‘मिठास’ घोली है।

हाजी कलीम उल्लाह खान ने पहले भी अपने बाग के आमों के नाम कई प्रसिद्ध नेताओं और हस्तियों के नाम पर रखे हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के नाम पर भी एक आम का नाम रखा था। हालांकि वे मानते हैं कि वह आम अमित शाह की ‘शख्सियत के वजन’ के मुकाबले उतना प्रभावशाली नहीं था, इसलिए वे फिर से कोशिश कर रहे हैं उसके नाम पर एक बेहतर प्रजाति तैयार करने की। 60 साल से आम की खेती में लगे हाजी कलीम उल्लाह खान ने अब तक अपने बाग में 300 से ज्यादा प्रजातियों के आम उगाए हैं। उनके आम के पेड़ इतने खास होते हैं कि दूर-दूर से लोग उन्हें देखने के लिए आते हैं। उनके बाग में आम सिर्फ फल नहीं, एक पहचान और कहानी बन चुके हैं।

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