उत्तराखंड सरकार पर मायावती का हमला :- बीएसपी प्रमुख और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बीजेपी पर तीखा वार करते हुए पार्टी पर धर्म की आड़ में स्वार्थ की राजनीति करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि बीजेपी जनहित के मुद्दों पर विफल सरकार जनता का ध्यान भटकाने के लिए ही धर्म का राजनीति करती है.पूर्व सीएम मायावती ने उत्तराखंड में पार्टी संगठन की मजबूती को लेकर राजधानी में लखनऊ में एक अहम बैठक की. इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार भी बीजेपी शासित अन्य राज्यों की तरह ही महंगाई,गरीबी, बेरोजगारी दूर करने और शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली और पानी आदि की उचित व्यवस्था करने का चुनावी वादा पूरा नहीं कर पाई।
यह ख़बर भी पढ़ें :- नाशपाती खाने के बेमिसाल फायदे
‘ध्यान भटकाने के लिए धर्म की राजनीति करती है BJP’
जनहित के हर मुद्दों पर उत्तराखंड सरकार की विफलताओं का जिक्र करते हुए मायावती ने कहा कि जनता के मुद्दों पर सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है, इसलिए लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सरकार ज्यादातर धर्म की आड़ में संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति करती रहती है, जिससे लोगों के लिए सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग बाधित होता है. उन्होंने कहा कि सरकार जनहित के असल मुद्दों पर सही तरीके से ध्यान नहीं दे रहे हैं।
‘राज्य की कानून व्यवस्था लचर है’
बीएसपी प्रमुख ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि राजनीतिक प्रवृत्ति वाले अपराध की घटनाओं से उत्तराखंड नकारात्मक चर्चा में रहा है और वहां की कानून व्यवस्था काफी लचर है. लोगों के सामने कई तरह की परेशानियां हैं लेकिन सरकार का इस तरफ कोई ध्यान नहीं बल्कि वो धर्म की आड़ में राज्य की सुख-शांति भंग कर रही है।
यह ख़बर भी पढ़ें :- खाली पेट पपीता खाने के फायदे
मायावती ने उठाया मजारों और मदरसों का मुद्दा
इसके साथ ही मायावती ने ये भी कहा कि मजारों के विध्वंस और मदरसों को बंद कराने के खिलाफ जब मामला कोर्ट में पहुंचा तो वहां अदालत में उत्तराखंड सरकार सही साबित नहीं हो पाई. इसलिए राज्य सरकार को ऐसे द्वेष और पक्षपात पूर्ण रवैए पर अंकुश लगाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस प्रकार की मनमानी करने की खुली छूट नहीं दिया जाना चाहिए।
उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर प्रदेश पदाधिकारियों के साथ बैठक में मायावती ने कहा कि जरूरत के आधार पर उत्तराखंड संगठन भी किया जाएगा. उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए पूरे तन,मन धन से जुट जाएं. उन्होंने कहा कि पार्टी कमेटी गठन के काम के लिए जमीनी स्तर पर पूरी सक्रियता जरूरी है. ताकि स्थानीय लोगों से मिलकर सरकारी उपेक्षा और उदासीनता के कारण उनकी तमाम समस्याओं से अवगत हुआ जा सके।