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बदल गए उत्तराखंड में खेल परिसरों के नाम !

  बदल गए उत्तराखंड में खेल परिसरों के नाम ! : राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के साथ उनकी नई पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से चार प्रमुख खेल परिसरों का नामकरण किया गया है। इन नामों को राज्यपाल की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद शासनादेश जारी …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 22 May, 2025
बदल गए उत्तराखंड में खेल परिसरों के नाम !

 

बदल गए उत्तराखंड में खेल परिसरों के नाम ! : राज्य में खेल सुविधाओं को बढ़ावा देने के साथ उनकी नई पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से चार प्रमुख खेल परिसरों का नामकरण किया गया है। इन नामों को राज्यपाल की ओर से स्वीकृति मिलने के बाद शासनादेश जारी हुआ।अब, देहरादून के रायपुर में मौजूद सभी खेल अवस्थापनाओं को रजत जयंती खेल परिसर कहा जाएगा। खेल मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि रजत जयंती खेल परिसर में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और अन्य सभी खेलों का बुनियादी ढांचा शामिल रहेगा। इसी तरह गौलापार हल्द्वानी में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, हॉकी ग्राउंड, तरण ताल, मल्टीपर्पज हॉल व अन्य सभी खेल अवस्थापनाओं को मिलाकर मानसखंड खेल परिसर का नाम दिया गया है।

हरिद्वार खेल परिसर को योगस्थली खेल परिसर का नाम

रुद्रपुर खेल परिसर अब शिवालिक खेल परिसर के रूप में पहचाना जाएगा। इसमें मनोज सरकार स्टेडियम, मल्टीपर्पज हॉल, वेलोड्रम और अन्य सभी अवस्थापनाएं शामिल हैं। इसी तरह हरिद्वार खेल परिसर को योगस्थली खेल परिसर का नाम दिया है। इसमें वंदना कटारिया हॉकी स्टेडियम, मल्टीपर्पज हॉल, तरणताल और अन्य सभी संबंधित अवस्थापना शामिल हैं। खेल विभाग के विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा ने कहा है कि यह नामकरण खेल सुविधाओं की पहचान स्थापित करने और भविष्य में होने वाली प्रतियोगिताओं को ध्यान में रखकर खिलाड़ियों और मेहमानों को सुविधा प्रदान करने के लिए किया गया है।

खेल मंत्री रेखा आर्या का कहना है कि स्पोर्ट्स लेगेसी प्लान के जरिये सरकार खेल परिसरों में कई नई सुविधाएं लाने की तैयारी कर रही है, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की कोचों की नियुक्ति भी शामिल है। इसे देखते हुए खेल परिसरों की सभी व्यवस्थाओं को एकीकृत करके नया नाम दिया है। लेगेसी प्लान के तहत देश के कई राज्यों के खेल ढांचे का अध्ययन किया गया है, जिससे सबसे बेहतर कोचिंग और सहायक स्टाफ का ढांचा तैयार किया जा रहा है, जिसमें स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (साई) जैसे संस्थानों की भी मदद ली जा रही है।

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