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बिना अनुमति चौकी में पढ़ी गई नमाज़

काशिफ रिज़वी। आपको हम बता रहे हैं एक ऐसी घटना जो अनजाने में हो गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उत्तर प्रदेश के कानपुर में श्याम नगर पुलिस चौकी में बिना पुलिस की परमिशन के नमाज पढ़ने का मामला सामने आया है। शहर काजी हाफिज अब्दुल …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 15 Jul, 2021

काशिफ रिज़वी।

आपको हम बता रहे हैं एक ऐसी घटना  जो अनजाने में हो गई जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर में श्याम नगर पुलिस चौकी में बिना पुलिस की परमिशन के नमाज पढ़ने का मामला सामने आया है। शहर काजी हाफिज अब्दुल कुद्दूस ने तीन-चार लोगों के साथ मिलकर पुलिस चौकी में नमाज पढ़ी, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। पूरा मामला चकेरी थाने की श्यामनगर पुलिस चौकी का है। पुलिस चौकी में नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद अब शहर काजी ने बयान जारी कर सफाई दी है।

शहर काजी हाजी अब्दुल कुद्दूस

शहर काजी हाजी अब्दुल कुद्दूस ने कहा कि वह चार लोगों के साथ क्षेत्र में मदरसे के विवाद के संबंध में पुलिस चौकी गए थे। इसी दौरान नमाज का वक्त हो गया। इसके चलते उन्होंने बिना पुलिस की अनुमति के चौकी में नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। उन्होंने कहा कि चूंकि हमारा मुल्क सेक्युलर है, इसलिए हम कहीं भी नमाज पढ़ लेते हैं। उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नही था।

जानकारी के अनुसार, श्याम नगर स्थित सेंगर चौराहे के पास स्थित एक प्लाट में शिक्षण संस्थान (मदरसा) चलता है। बुधवार शाम को कुछ लोग वहां प्रार्थना करने के लिए एकत्रित हुए थे। इस पर दूसरे पक्ष के लोगों ने आपत्ति जताई तो संस्थान के लोगों से विवाद हो गया। हंगामा बढ़ने की सूचना पर पुलिस भी पहुंची और दोनों पक्षों के लोगों को बातचीत के लिए श्याम नगर चौकी ले जाया गया था।

जब चौकी इंचार्ज उमाशंकर जी से खोजी नारद की बात हुई तो उन्होंने कहा की एक मीटिंग के लिए हमने कुछ लोग बुलाए थे और उनका नमाज का वक्त हो गया तो उन्होंने चौकी में ही नमाज अता कर ली।

कुछ लोगों द्वारा इस वीडियो को रिकॉर्ड किया गया और सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। ऐसी धार्मिक क्रियाओं के लिए अलग से मंदिर, मस्जिदों चर्च और गुरुद्वारे बने होते हैं। चौकी इंचार्ज को इन चीजों से बचना चाहिए था क्योंकि चौकी और थाने इन धार्मिक क्रियाओं को करने के लिए नहीं बने यहां लोग न्याय की आस में जाते हैं, चौकी इंचार्ज ने सही किया या गलत इसकी जांच उच्च अधिकारी द्वारा की जानी चाहिए की चौकी इंचार्ज ने सही किया या गलत।

जो वीडियो वायरल हो रहा है वह किस पत्रकार ने किया या किसी व्यक्ति ने किया हम उसका समर्थन नहीं करते। क्योंकि किसी भी धर्म की धार्मिक भावनाओं को भड़काना और समाज में द्वेश भावना फैलाना एक अच्छे नागरिक और एक अच्छे पत्रकार का काम तो बिलकुल नहीं है।

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