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रुकावट बना पीसीएस अफसरों का वरिष्ठता विवाद

रुकावट बना पीसीएस अफसरों का वरिष्ठता विवाद : शासन से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है जहाँ पीसीएस सीधी भर्ती और पदोन्नत अफसरों के बीच का विवाद वरिष्ठता सूची में बाधा बन गया है। इसके चलते पीसीएस अफसरों के प्रमोशन प्रभावित हो रहे हैं। कई पीसीएस इसके खिलाफ …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 14 May, 2025
रुकावट बना पीसीएस अफसरों का वरिष्ठता विवाद

रुकावट बना पीसीएस अफसरों का वरिष्ठता विवाद :  शासन से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है जहाँ पीसीएस सीधी भर्ती और पदोन्नत अफसरों के बीच का विवाद वरिष्ठता सूची में बाधा बन गया है। इसके चलते पीसीएस अफसरों के प्रमोशन प्रभावित हो रहे हैं। कई पीसीएस इसके खिलाफ न्यायालय की शरण में हैं। क्या है पूरा मामला खोजी नारद की इस रिपोर्ट में आपको समझते है, दरअसल उत्तराखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के पीसीएस अफसर और तहसीलदार से पदोन्नत होकर एसडीएम बनने वाले अफसरों के बीच वरिष्ठता का विवाद पुराना है। आयोग के पहले बैच के पीसीएस अफसरों और पदोन्नत पीसीएस के बीच पहला विवाद हुआ था। वह विवाद हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था। सुप्रीम कोर्ट से एक बार मामला सुलझने के बाद दोबारा नए बैच के अफसरों का विवाद चल रहा है।

प्रदेश में पीसीएस-2012 बैच के सीधी भर्ती के 19 अफसर हैं, जिनकी ज्वाइनिंग 2014 की है। दूसरे वो 25 अफसर हैं, जो नायब तहसीलदार के पद से एसडीएम के पद पर 2016 में पदोन्नत हुए थे, जबकि ये जून 2012 से बतौर तदर्थ पीसीएस जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इन अफसरों का कहना है कि चूंकि वह 2012 से एसडीएम के पद पर सेवाएं दे रहे हैं, इसलिए 2014 में आए सीधी भर्ती के पीसीएस से सीनियर हैं। बीते दिनों विवाद तब गहराया, जब सरकार ने सीधी भर्ती से दो पीसीएस योगेंद्र सिंह और जयवर्धन शर्मा को एडीएम पद पर तैनाती का आदेश जारी कर दिया। पदोन्नत पीसीएस अफसर इसके विरोध में उतर गए थे। पदोन्नत पीसीएस अफसरों का कहना था कि चूंकि वे वरिष्ठ हैं, इसलिए उन्हें भी एडीएम का पद दिया जाए। उधर, सीधी भर्ती के पीसीएस अफसरों का कहना है कि अस्थायी व्यवस्था के तहत जून 2012 से पीसीएस पद पर सेवाएं देने वालों को 2016 में इस पद पर पूर्ण पदोन्नति मिली है।

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