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प्रदेश में तीसरी बार चारों धामों में बर्फबारी लेकिन मौसम वैज्ञानिक हैं चिंतित....

उत्तराखंड : मौसम के बदलते मिजाज और जलवायु परिवर्तन का सीधा असर तापमान पर पड़ रहा है। यही वजह रही कि साल में तीसरी बार रविवार को चारों धामों समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने के बावजूद भी तापमान में गिरावट दर्ज नहीं हुई। उधर, मौसम वैज्ञानिकों का कहना …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 19 Feb, 2024
प्रदेश में तीसरी बार चारों धामों में बर्फबारी लेकिन मौसम वैज्ञानिक हैं चिंतित....

उत्तराखंड : मौसम के बदलते मिजाज और जलवायु परिवर्तन का सीधा असर तापमान पर पड़ रहा है। यही वजह रही कि साल में तीसरी बार रविवार को चारों धामों समेत ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी होने के बावजूद भी तापमान में गिरावट दर्ज नहीं हुई।

उधर, मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि आने वाले दस साल में सामान्य तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी हो सकती है, जो चिंता का विषय है।

उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में आज सोमवार को भी बर्फबारी के आसार हैं। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से बारिश-बर्फबारी का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

राजधानी दून के तापमान की बात करें तो जिले का अधिकतम तापमान 23.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य है। जबकि रात का न्यूनतम तापमान एक डिग्री इजाफे के साथ 10.8 डिग्री सेल्सियस रहा।

ऐसे ही पंतनगर का अधिकतम और न्यूनतम तापमान सामान्य रहा। मुक्तेश्वर के अधिकतम तापमान में पांच और न्यूनतम तापमान में दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

जिससे दिन का तापमान 17.5 और रात का 4.3 डिग्री सेल्सियस रहा। सिर्फ नई टिहरी का अधिकतम तापमान एक डिग्री कमी के साथ 15.2 डिग्री सेल्सियस रहा।

हालांकि, रात का न्यूनतम तापमान यहां के भी सामान्य से दो डिग्री सेल्सियस इजाफे के साथ 6.2 डिग्री रहा।

केंद्र की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बिजली चमकने और ओलावृष्टि के साथ भारी बर्फबारी की संभावना है।

जबकि, इन जिलों के कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश होने के भी आसार हैं।

इस साल फरवरी के शुरुआत में साल की पहली और पांच फरवरी को दूसरी बार बारिश-बर्फबारी हुई थी। इसके बाद रविवार को पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं हल्की बारिश के तीसरी बार बर्फबारी हुई।

पहली-दूसरी बारिश-बर्फबारी से मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान में कमी दर्ज की गई थी।

लेकिन, तीसरी बार हुई बर्फबारी से मैदानी इलाकों के तापमान में कोई खास असर नहीं पड़ा। यही वजह रही कि मैदानी इलाकों में ठंड का कम अहसास हुआ।

मौसम वैज्ञानिक तापमान में बढ़ोतरी का मुख्य कारण बारिश न होना भी मान रहे हैं।

आंकड़ों में नजर डालें तो इस महीने पूरे प्रदेश में सामान्य बारिश का आंकड़ा छह फीसदी कम है।

यानी पूरे उत्तराखंड में अभी तक 37.5 एमएम बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 35.4 एमएम ही हुई है।

 

 

 

 

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