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एसएसपी दून की कड़ी कार्रवाई, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को किया भंग

देहरादून : एसएसपी ने एसओजी देहात को भंग कर दिया। इसके सभी 11 सदस्यों को मुख्य एसओजी में तैनात कर दिया है। इसके अलावा ऋषिकेश और रायवाला थाने के 37 पुलिसकर्मियों को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऋषिकेश स्पेशल …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 04 Sep, 2024
एसएसपी दून की कड़ी कार्रवाई, स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप को किया भंग

देहरादून : एसएसपी ने एसओजी देहात को भंग कर दिया। इसके सभी 11 सदस्यों को मुख्य एसओजी में तैनात कर दिया है। इसके अलावा ऋषिकेश और रायवाला थाने के 37 पुलिसकर्मियों को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ऋषिकेश स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) को भंग कर दिया है।

शराब माफिया द्वारा पत्रकार पर हमले और शराब तस्करों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से नाराज एसएसपी ने यह कार्रवाई की है। एसओजी देहात को भंग करते हुए देहरादून एसएसपी कार्यालय अटैच कर दिया गया है। इसके अलावा ऋषिकेश और रायवाला थाने के 37 पुलिसकर्मियों को भी तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

इन्हें दूसरे थानों में तैनाती दी गई है। एसएसपी देर शाम तक ऋषिकेश कोतवाली की समीक्षा की। ऋषिकेश में बड़े पैमाने पर शराब तस्करी के खिलाफ हाल ही में युवाओं ने अभियान चलाया था। लेकिन शराब तस्करी बंद होने के बजाय शराब माफिया विरोध करने वालों पर ही हमला कर रहे हैं। बीते 1 सितंबर को शराब माफिया ने एक पत्रकार पर हमला कर दिया था। जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और पूरे क्षेत्र में आंदोलन होने लगा। इस दौरान एसएसपी ने देखा कि ऋषिकेश कोतवाली पुलिस की परफॉर्मेंस शराब पकड़ने में बेहतर रही है। ऋषिकेश पुलिस ने पिछले 8 माह के दौरान लगभग हर दूसरे दिन एक शराब तस्कर को गिरफ्तार कर जेल भेजा है।

इस दौरान पुलिस द्वारा कुल 113 मुकदमे दर्ज करते हुए 111 तस्करों को गिरफ्तार किया गया। हालांकि, एसओजी देहात शराब के बड़े तस्करों पर कार्रवाई नहीं कर सकी है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से एसओजी देहात को भंग कर दिया गया। एसओजी ने समीक्षा में पाया कि ऋषिकेश और रायवाला थाने में 37 पुलिसकर्मी ऐसे भी हैं जिन्होंने तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। जबकि, ये पुलिसकर्मी वहां पर लंबे समय से तैनात हैं। ऐसे में इन पुलिसकर्मियों को भी वहां से हटाकर दूसरों को तैनात किया गया है।

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