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बाघों की मौत पर उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल का बयान:

जिसमे कुमाऊं मंडल की सेंट्रल तराई क्षेत्रों में आंकड़े बढ़े हैं। लगातार बाघों की मौत को लेकर जब सवाल वन मंत्री सुबोध उनियाल से किया तो उनका कहना कुछ और ही था। उनका जवाब है कि मनुष्य जन्म लेता है तो उसकी मृत्यु भी होती है। उनके इस बयान से …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 06 Jun, 2023
बाघों की मौत पर उत्तराखंड वन मंत्री सुबोध उनियाल का बयान:

जिसमे कुमाऊं मंडल की सेंट्रल तराई क्षेत्रों में आंकड़े बढ़े हैं।

लगातार बाघों की मौत को लेकर जब सवाल वन मंत्री सुबोध उनियाल से किया तो उनका कहना कुछ और ही था।

उनका जवाब है कि मनुष्य जन्म लेता है तो उसकी मृत्यु भी होती है।

उनके इस बयान से ऐसा लग रहा था, जैसे कोई धर्मगुरु प्रवचन दे रहा हो।

इस से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जब जिमेदारी लेने वाला ही इस तहर से बयान दे तो आखिरकार बाघों का संरक्षण कैसे हो सकता ।

गौरतलब है कि 2018 की गणना के अनुसार प्रदेश में बाघों की संख्या 442 थी।

इस साल बाघों की मौत का पहला मामला जनवरी में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में हुई।

2001 से 2023 तक राज्य में कुल 181 बाघों की मौत हो चुकी है।

जिनमें शिकार ,दुर्घटनाएं ,जंगल की आग, आपसी संघर्ष ,जाल में फंस कर मौत के मामलों को दर्ज किया गया है।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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