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मर्दों से अलग होते हैं औरतों में हार्ट अटैक के लक्षण

मर्दों से अलग होते हैं औरतों में हार्ट अटैक के लक्षण : बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के बीच लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा हार्ट से जुड़ी बीमारियां लोगों को डराने लगी हैं। सिर्फ पुरुष में ही हार्ट अटैक के मामले नहीं बढ़ रहे …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 03 Feb, 2025
मर्दों से अलग होते हैं औरतों में हार्ट अटैक के लक्षण

मर्दों से अलग होते हैं औरतों में हार्ट अटैक के लक्षण : बदलती लाइफस्टाइल और बढ़ते तनाव के बीच लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। सबसे ज्यादा हार्ट से जुड़ी बीमारियां लोगों को डराने लगी हैं। सिर्फ पुरुष में ही हार्ट अटैक के मामले नहीं बढ़ रहे हैं बल्कि महिलाएं भी इसके निशाने पर हैं। महिलाओं में भी पिछले कुछ सालों में हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और हार्ट अटैक जैसी गम्भीर बीमारियों का खतरा काफी बढ़ गया है। खासतौर से 40 साल की उम्र के आसपास के लोगों में हार्ट अटैक का रिस्क काफी तेजी से बढ़ रहा है। महिलाओं में हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ने के कई कारण हैं जिसमें हार्मोन्स में उतार-चढ़ाव और मेनोपॉज जैसे बदलाव शामिल हैं।

महिलाओं में हार्ट अटैक के कुछ लक्षण पुरुषों  से अलग दिखाई देते हैं। वैसे हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण है चेस्ट पेन और एंग्जायटी होना। सासं लेने में तकलीफ होना। इसके अलावा भी महिलाओं में कुछ अलग लक्षण नजर आते हैं। जो हार्ट अटैक या हार्ट से जुड़ी बीमारियों के संकेत हो सकते हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो सावधान हो जाएं।

महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण —-

बहुत ज्यादा थकान और कमजोरी महसूस होना.
सुबह के वक्त उल्टी और जी मिचलाना.
सांस लेने में तकलीफ होना.
पीठ में काफी दर्द बने रहना.
जबड़े में पेन रहना.

हार्ट अटैक से कैसे बचें ?

महिलाओं के शरीर में अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। 45 साल की उम्र के बाद महिलाओं को अपने स्वास्थ्य, लाइफस्टाइल और डाइट का खास ख्याल रखना चाहिए। शरीर में किसी तरह का कोई बदलाव होते हुए नजर आए तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। खासतौर से मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को डॉक्टर से जरूर बात करनी चाहिए।

स्ट्रेस लेने से बचें- जो लोग स्ट्रेस ज्यादा लेते हैं उन्हें हार्ट से जुड़ी बीमारियों का खतरा ज्यादा रहता है। इससे हार्ट डिजीज का रिस्क भी बढ़ने लगता है। इसलिए जितना हो सके तनाव से बचें। महिलाओं में प्रेगनेंसी, मेनोपॉज, पीरियड्स और कमजोरी भी स्ट्रेस का कारण बनती है। जो हार्ट पर भी असर डालता है।

लाइफस्टाइल को हेल्दी रखें- खानपान से काफी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। हार्ट को स्वस्थ बनाने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में बदलाव जरूर करें। घर का बना खाना खाएं। ज्यादा से ज्यादा फल और सब्जियां खाएं। नट्स और सीड्स खाएं। योग करें और दिनभर में 1 घंटे कोई फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें।

हार्ट अटैक से बचाने वाली आदतें —-

हेल्दी डाइट का सेवन करें.
रोज 1 घंटे एक्सरसाइज करें.
हेल्दी वजन मेंटेन रखें.

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