Menu
#उत्तरकाशी

बहिष्कार के बाद मालदीव की हालत खराब,,,भारत के लोग हमें माफ करें..? ने भारतीयों से की ये अपील...

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि हमे इसके लिए खेद है. हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं. हमारी मेहमान-नबाजी में कोई बदलाव नहीं होगा। पिछले साल मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 09 Mar, 2024
बहिष्कार के बाद मालदीव की हालत खराब,,,भारत के लोग हमें माफ करें..? ने भारतीयों से की ये अपील...

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि हमे इसके लिए खेद है. हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं. हमारी मेहमान-नबाजी में कोई बदलाव नहीं होगा।

पिछले साल मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सत्ता में आने के बाद से भारत और मालदीव के रिश्तों में बढ़े तनाव के बीच शुक्रवार (8 मार्च) को अच्छी खबर आई।

दिल्ली पहुंचे मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत के हालिया बहिष्कार आह्वान के नतीजों पर चिंता व्यक्त करते हुए मालदीव के लोगों की तरफ से माफी भी मांगी।

सूत्रों के मुताबिक,,, मोहम्मद नशीद ने कहा, “भारत और मालदीव के बीच आए तनाव ने मालदीव पर बहुत प्रभाव डाला है और मैं वास्तव में इसे लेकर बहुत चिंतित हूं।

मैं कहना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को खेद है, हमें खेद है कि ऐसा हुआ है. हम चाहते हैं कि भारतीय लोग अपनी छुट्टियों पर मालदीव आएं. हमारी मेहमान-नबाजी में कोई बदलाव नहीं होगा।

मोहम्मद नशीद ने भारत के जिम्मेदार दृष्टिकोण की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने दबाव डालने के बजाय एक राजनयिक चर्चा का प्रस्ताव रखा।

उन्होंने कहा, “जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारतीय सैन्यकर्मी चले जाएं, तो आप जानते हैं कि भारत ने क्या किया? उन्होंने अपनी बांहें नहीं मोड़ीं. उन्होंने कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं किया, बल्कि मालदीव की सरकार से कहा- ठीक है, चलो इस पर चर्चा करें।

पिछले साल दोनों देशों के बीच बढ़ा तनाव

पिछले साल मालदीव का राष्ट्रपति बनते ही मोहम्मद मुइज्ज ने घोषणा की थी कि वह उस समझौते का विस्तार नहीं करेगा जिसने भारत को मालदीव के साथ मिलकर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण करने की अनुमति दी थी।

उसने भारत सरकार से भारतीय सेना को वापस बुलाने को कहा. राष्ट्रपति मुइज्जू ने स्थापित परंपरा को तोड़ते हुए अपनी पहली आधिकारिक यात्रा के लिए तुर्की और चीन को चुना, जबकि पहले मालदीव का नया राष्ट्रपति सबसे पहले भारत का दौरा करता था।

चीन-मालदीव के बीच हुए रक्षा समझौते पर भी बोले

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इस दौरान मालदीव और चीन के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित रक्षा समझौते पर भी बात की. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि यह एक रक्षा समझौता है।

मुझे लगता है कि मुइज्जू (मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति) कुछ उपकरण खरीदना चाहता थे, मुख्य रूप से रबर की गोलियां और आंसू गैस. यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सोचा कि अधिक आंसू गैस और अधिक रबर की गोलियों की आवश्यकता है. सरकार बंदूक से नहीं चलती।

 

Share This Article