ये दिल्ली है… यहां सड़क पर भी होगी नमाज : यूं तो उत्तर प्रदेश में अलविदा जुमें की नमाज़ और ईद के लिए पूरे प्रदेश की पुलिस अलर्ट पर है और सभी जिलों में सड़क पर नमाज न होने देने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस भी ली है, लेकिन मेरठ की पुलिस ने तो ये फरमान जारी कर दिया है कि सड़क पर नमाज करने और कराने वालों के पासपोर्ट भी रद्द कर दिए जाएंगे और हथियारों के लाइसेंस भी. मेरठ पुलिस के इस फरमान जैसे रुख पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने नाराजगी जताई है. मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने गुरुवार को कहा कि ईद के लिए सभी धर्मगुरुओं से अपील की है कि लोग अपने आसपास की मस्जिद में नमाज पढ़ें. ईदगाह में पढ़नी है तो समय से आ जाएं, किसी भी सूरत ए हाल में रोड पर नमाज नहीं पढ़ी जाएगी. पिछले साल भी केस दर्ज किया था. यदि किसी पर केस दर्ज होता है तो पासपोर्ट और लाइसेंस (आर्म) रद्द किए जा सकते हैं. वहीं संभल के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) श्रीश चंद्र ने गुरुवार को कहा कि पारंपरिक ढंग से नमाज अदा करने पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन दुर्घटनाएं रोकने के लिए छतों पर बड़ी संख्या में एकत्रित होने पर रोक लगाई गई है. जुमा (शुक्रवार) अलविदा की नमाज को लेकर तैयारियों पर संवाददाताओं से बातचीत में एएसपी ने कहा कि लोग शांतिपूर्ण ढंग से नमाज अदा करें, यह सुनिश्चित करने के लिए सेक्टर और जोन के अंतर्गत पर्याप्त संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
मौलाना शहाबुद्दीन ने मुस्लिम पर्सनल बोर्ड पर रमजान के पवित्र महीने को सियासत में घसीटने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बोर्ड ने अपनी कमजोर होती स्थिति को देखते हुए पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर और फिर पटना में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया. अब अलविदा की नमाज के दिन मुसलमानों से काली पट्टी बांधने के लिए कहा है. बोर्ड मुसलमानों का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए करने की कोशिश कर रहा है.AIMIM के दिल्ली अध्यक्ष शोएब जमेई ने कहा कि ये मेरठ और संभल नहीं हैं. ये दिल्ली है यहां हर हाल में नमाज़ होगी. घर में, मस्जिद पर, छत पर और सड़क पर भी. अगर भंडारा और कांवड सड़क पर हो सकते हैं तो नमाज क्यों नहीं?आज रमजान का आखिरी जुमा है. अलविदा की नमाज को लेकर किसी तरह की कोई गड़बड़ न हो, इसे लेकर पुलिस अलर्ट है. लखनऊ में सुरक्षा बलों ने कई इलाकों में प्लैग मार्च किया. पुलिस अधिकारियों ने आने वालों त्योहारों को आपसी भाईचारे के साथ सकुशल निपटाने की अपील की. बताया जा रहा है कि ड्रोन कैमरों के जरिए संवेदनशील इलाकों पर नजर रहेगी।