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सड़क दुर्घटना में क्या होता है गोल्डन ऑवर ?

सड़क दुर्घटना में क्या होता है गोल्डन ऑवर ? : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उनकी सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश की है, लेकिन इस संबंध में विफल रही है. मंत्री की बातें इसलिए भी अहम हैं क्योंकि भारत में …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 24 Jan, 2025
सड़क दुर्घटना में क्या होता है गोल्डन ऑवर ?

सड़क दुर्घटना में क्या होता है गोल्डन ऑवर ? : सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है  कि उनकी सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की कोशिश की है, लेकिन इस संबंध में विफल रही है. मंत्री की बातें इसलिए भी अहम हैं क्योंकि भारत में हर साल सड़क हादसों में 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. ऐसे में इस खबर में जानिए कि आप सड़क दुर्घटना में लोगों के लिए देवदूत कैसे बन सकते हैं. कैसे आप भी इस 25 हजार रुपये का इनाम राशि जीत सकते हैं और क्या होता है गोल्डन ऑवर ?

बेहद खास है गोल्डन ऑवर

गोल्डन ऑवर वह होता है जब सड़क दुर्घटना के तुरंत बाद 60 मिनट के भीतर मरीज को अस्पताल ले जाया जाए या चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाए. साफ शब्दों में समझे तो, गोल्डन ऑवर रोड एक्सीडेंट के बाद का महत्वपूर्ण एक घंटा होता है, जिसके दौरान इमरजेंसी सेवाओं द्वारा तुरंत प्रतिक्रिया जीवन बचाने के मामले में निर्णायक हो सकती है. जब कोई व्यक्ति दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होता है, तो उसके लिए हर मिनट मायने रखता है, जितनी जल्दी उसे चिकित्सा सहायता मिलती है, उसके बचने और ठीक होने की संभावना उतनी ही बेहतर होती है।

बता दें, गोल्डन ऑवर की कांसेप्ट 1960 में डॉ. एडम काउली द्वारा लाई गई थी, जिन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि जीवन या मृत्यु के मामले में पहले 60 मिनट कितने महत्वपूर्ण होते हैं. भले ही घातक परिणाम तत्काल न हो, लेकिन तुरंत कार्रवाई के बिना शरीर को अपरिवर्तनीय क्षति हो सकती है. यह सिद्धांत केवल सड़क दुर्घटनाओं पर ही लागू नहीं होता है, यह चिकित्सा आपात स्थितियों, जैसे स्ट्रोक या गंभीर आघात की स्थितियों में भी प्रासंगिक है, जहां प्रतिक्रिया समय महत्वपूर्ण होता है।

इस बात का ख्याल रखें कि गोल्डन आवर के दौरान घायल व्यक्ति को किसी बड़े अस्पताल में ले जाना जरूरी नहीं है, बल्कि किसी भी नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक उपचार देना पर्याप्त है. भारत में समस्या यह है कि सड़क दुर्घटना के गोल्डन आवर के दौरान लोगों की भीड़ लग जाती है, जो लगाना नहीं लगानी चाहिए. क्योंकि, इससे मरीज को इलाज मिलने में देरी हो जाती है और ऐसे में कई बार मरीज की जान भी चली जाती है।

आप चाहें तो सड़क दुर्घटना के गोल्डन आवर के दौरान कुछ सावधानियां बरतकर दुर्घटना पीड़ित की जान बचा सकते हैं, जानें कैसे..

प्रतिक्रिया की जांच करें: यदि आप सड़क दुर्घटना के स्थान पर हैं, तो पहले जांचें कि घायल व्यक्ति कैसी प्रतिक्रिया दे रहा है. देखना यह है कि क्या वह आपकी बात सुन पाता है या आपको कुछ बता पा रहा है।

सीपीआर का प्रबंध करें: एक अच्छे नागरिक के तौर पर हर किसी को सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) के बारे में जानना चाहिए. यह बहुत कठिन नहीं है. इसका सीखने का वीडियो यूट्यूब पर आसानी से पाया जा सकता है. सीपीआर का लाभ यह है कि यह व्यक्ति के मस्तिष्क को पर्याप्त ऑक्सीजन सुनिश्चित करता है।

सुरक्षा सुनिश्चित करें: यदि आप घटनास्थल पर हैं, तो आप घायल व्यक्ति की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं. यदि आप मरीज को अस्पताल ले जाने की स्थिति में हैं तो आप मरीज को अस्पताल ले जा सकते हैं. अन्यथा आप मदद के लिए किसी को बुला सकते हैं।

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