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खबर पढ़कर हांफने लगोगे !

खबर पढ़कर हांफने लगोगे ! : जिम में पसीना बहकर , डाइट में पैसा बहाकर या टेन्शन भरा शेड्यूल अपना कर आप बीमारी से राहत , आकस्मिक दुर्घटना से बचाव और लम्बी उम्र का सपना पूरा करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ज़रूरी है। क्योंकि लंबा जीवन जीने …

By Hindi News 24x7 - News Editor
Last Updated: 13 May, 2025
खबर पढ़कर हांफने लगोगे !

खबर पढ़कर हांफने लगोगे ! :  जिम में पसीना बहकर , डाइट में पैसा बहाकर या टेन्शन भरा शेड्यूल अपना कर आप बीमारी से राहत , आकस्मिक दुर्घटना से बचाव और लम्बी उम्र का सपना पूरा करना चाहते हैं तो ये खबर आपके लिए ज़रूरी है। क्योंकि लंबा जीवन जीने की इच्छा हर व्यक्ति में होती है।

इसके लिए नए प्रयोग भी हो रहे है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया की सिडनी यूनिवर्सिटी में हुई रिसर्च में लंबा जीवन जीने का आसान नुस्खा सामने आया है।रिसर्च के मुताबिक घर पर किए जाने वाले छोटे-छोटे दैनिक कार्यों जैसे घर के फर्श पर पोछा लगाना, अपने डॉग को पार्क में टहलाना, सीढ़ियां चढ़ने के दौरान सिर्फ तीन बार हांफना आए, तो यह आपके लिए उतना ही अच्छा है जितना कि खेलना या जिम जाना। इससे लंबा जीवन जीने में भी मदद मिलती है।

दैनिक कामकाज से हार्ट अटैक, कैंसर का खतरा कम

दैनिक कार्यों से कैंसर, हार्ट अटैक और किसी भी जानलेवा बीमारी के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है। 87,500 से ज्यादा ब्रिटिश वयस्कों पर हुई इस स्टडी के नतीजे में यह सामने आया है। स्वास्थ्य लाभों को सटीक रूप से मापने वाला यह पहला अध्ययन है। प्रमुख शोधकर्ता प्रोफेसर इमैनुएल स्टैमाटाकिस कहते हैं कि गति बढ़ाकर किए गए दैनिक कार्य को 11 मिनट तक करने से हार्ट अटैक से मौत का जोखिम 65% तक कम हो सकता है। वहीं, कैंसर से मौत के जोखिम में 49% की कमी आती है। अन्य शोधकर्ता हैमर ने कहा कि टीम ने 62,000 अतिरिक्त प्रतिभागी, जिन्होंने खाली समय में व्यायाम किया था, उन पर स्टडी की।

दैनिक कार्यों से एक्सरसाइज करने वालों में सुधार

आपको यहाँ ये भी बता दें कि इस बेहद रोचक स्टडी में औसतन 62 साल के 25 हजार लोगों को शामिल किया गया। इन लोगों में से 89% प्रतिभागियों से रोजमर्रा के काम कराए गए। इसके बाद इस रिसर्च में सामने आया कि जिम में पसीना बहाने ,आरामतलब जीने वाले लोगों की तुलना में घरेलु कामकाज कर हांफने वाले लोग ज्यादा हिट फिट और लम्बा जीवन जी सकते हैं। यही नहीं इस लक्षण को भी देखा गया कि इनमें बीमारी धीमी गति से फैली, जो व्यायाम या घर के कामकाज नहीं करते हैं।

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